धमतरी जिला में पर्यटन [Tourism in Dhamtari District]
धमतरी जिला में पर्यटन
राजधानी रायपुर से 77 किमी दक्षिण दिशा में धमतरी स्थित है, यहाँ से 8 किलोमीटर दूर दक्षिण की ओर पहाड़ी प्रदेश शुरू हो जाता है जिसमें सिहावा और गटसिल्ली की श्रेणियाँ भी सम्मिलित हैं. यह रायपुर से पृथक होकर 1998 में जिला बना, जनश्रुति है कि धमतरी किसी समय ‘गोंड राजा धुरुवा’ की राजधानी थी. यहाँ दर्शनीय स्थलों में रामचन्द्र का मंदिर, विलाई माता, जगदीश मंदिर तथा रथयात्रा (दुइज डोल) दर्शनीय हैं. धमतरी अपने चावल मिलों के लिये प्रसिद्ध है.
सिहावा (ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक)
धमतरी से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर घने वनों एवं पहाड़ियों से घिरा हुआ तीर्थस्थल ‘सिहावा’ स्थित है. सिहावा के उत्तर-पूर्व में कर्णेश्वर में छह प्राचीन मंदिर हैं. कर्णेश्वर का विशाल शिव मंदिर इस अंचल के शैव उपासना का प्रमुख केन्द्र रहा है. इन मंदिरों का निर्माण ।।14 ईस्वी में सोमवंशी राजाओं ने किया था. शिव मंदिर के शिलालेख से वह ज्ञात होता है कि यह क्षेत्र मूलतः सोमवंशी राज्य का एक भाग था. उनके सामंत यहाँ शासन करते थे. यहाँ स्थित शृंगी ऋषि के आश्रम के समीप पवित्र जलकुण्ड है, जहाँ से महानदी का उद्गम हुआ है. महर्षि शृंगी ने अपने प्रिय शिष्य महानंद ने नाम पर इस नदी को ‘महानदी’ नाम दिया.
सीतानदी अभयारण्य (वन्य प्राणी अभयारण्य)-
रायपुर जिले के दक्षिण में धमतरी जिले से 90 किलोमीटर तथा रायपुर से लगभग 176 किलोमीटर पर ‘सीता नदी अभयारण्य स्थित है, ‘सीता नदी अभयारण्य’ का क्षेत्रफल 553-36 वर्ग किलोमीटर है, यहाँ बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांभर, आदि वन्य प्राणी पाये जाते हैं. यह क्षेत्र सन् 1974 में अभयारण्य घोषित किया गया.
गंगरेल जलाशय
धमतरी से आगे जगदलपुर मार्ग पर 3 किलोमीटर के बाद बायीं ओर लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर ‘गंगरेल जलाशय’ स्थित है. रायपुर से इसकी दूरी 92 किलोमीटर है. महानदी पर 1246 मीटर लम्बा यह गंगरेल जलाशय पूर्णतः मिट्टी का बना है. यह एक सुंदर पिकनिक स्थल है. यहाँ पर सिंचाई विभाग द्वारा एक उद्यान का निर्माण कराया गया है जहाँ सिंचाई विभाग का विश्राम गृह भी है.
![धमतरी जिला में पर्यटन [Tourism in Dhamtari District] 1 Chhattisgarhs-turism](https://cg.sahity.in/wp-content/uploads/2021/05/Chhattisgarhs-turism-730x1024.jpg)