छत्तीसगढ़ी शब्दावली – गीत व नृत्य
छत्तीसगढ़ी शब्दावली – गीत व नृत्य
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नृत्य –
सुवा, करमा, राउतनाचा, डंगचगहा नाचा, बघवा नाचा, ढोलामारी, गम्मत, तमासा, पंथीनाचा, गोंडनाचा, डंडानाच, बिहावनाचा, डिडवानाचा, फी नाचा, बरतिया नाचा, रामनामी, पंडवानी, फाग, जंवारा, गौरा-गौरी, डिड्वानाचा, गांडा, ढोला, तारि-नारि।
लोकगीत–
छत्तीसगढ़ी लोकगीतों में वैविध्यता और विशिष्टता को दृष्टिगत रखते हुए उसकी अंतर्वस्तु के आधार पर निम्नप्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है –
(क) संस्कार गीत – जन्म-गीत, बधावा, सोहर, बरूवा, बिहाव-गीत, चूलमाटी-गीत, तेलमाटी, माय-मौरी, नहडोरी, परघनी, रातीभाजी या लाली भाजी-गीत, भडौनी, कलेवना, डिंडवानाचा-गीत, भावर, दाईज-गीत, बिदाई-गीत, मरनी-गीत।
(ख) ऋतु एवं व्रत गीत – छेरछेरा, सवनाही, कार्तिक स्नान-गीत, नगमत-गीत, फाग (होली), बारामासी।
(ग) धार्मिक गीत – भोजली, गौरा, माता-सेवा, भोजली।
(घ) नृत्य गीत – करमा, सुवा, डण्डा, सैला, राऊतनाचा, फडी-नृत्य-गीत,
(ङ) जाति-गीत – रमरमिया, देवार-गीत, पंथी-गीत, मंगल-चौका-गीत, बसदेवा-गीत, गोंडवाना-गीत, बारगीत, बाँसगीत।
(च) मनोरंजनात्मक गीत – ददरिया, लोरी, गम्मत-गीत।
(छ) बालगीत – फुगङडी, केऊ-मेऊ, डुडवा।
(ज) गाथात्मक एवं स्वतंत्र गीत – लोरिक चंदैनी-गीत, पंडवानी, ढोलामारू, भरथरी, आल्हा।
(झ) अन्य गीत – ढोलकी-गीत, माँझी-गीत, बैना-गीत, संध्या-गीत, संदेश-गीत, भजन, रास, भरनी, साल्हो, चौका, बार, नंगमत, मैना।
वाद्ययंत्र–
मांदर, मंदरी, ढोल, ढोलक, ढोलकी, डफडा, निसान, पेटी(हारमोनियम), बेंजो, तबला, मंजीरा, झांझ, खंझेरी, चिमटा, मोहरी (तुरही या शहनाई), टिमटिमी, बाँस, बँसरी, करत्ताल।