छत्तीसगढ़ का प्राचीन इतिहास
छत्तीसगढ़ का प्राचीन इतिहास , देश के अन्य भागों की तरह मानव सभ्यता के विकास से सम्बन्धित है, अतः इस क्षेत्र के इतिहास को समझने के लिए राष्ट्रीय-ऐतिहासिक परिवेश को समझना आवश्यक है. साथ ही निकटस्थ भू-भागों की ऐतिहासिक गतिविधियों को भी सम्मिलित करना आवश्यक है, क्योंकि अंचल का इतिहास भौगोलिक एवं राजनीतिक दृष्टि से सदैव सीमावर्ती क्षेत्रों से प्रभावित एवं समय समय पर सम्बद्ध रहा है.

छत्तीसगढ़ का ज्ञात इतिहास, जो विभिन्न स्रोतों से पुष्ट हो सका है, मौर्य काल से प्राचीन नहीं है, किन्तु किंवदंतियों एवं महाकाव्यों यथा रामायण, महाभारत से प्राप्त तथ्यों को मान्य करें, तो यह उतना ही प्राचीन है, जितनी राम कथा अर्थात् छत्तीसगढ़ कम से कम त्रेता युग से ही भारतवर्ष की राजनीतिक, सांस्कृतिक गतिविधियों से किसी न किसी रूप से सम्बद्ध रहा है. पुरातात्विक साक्ष्य बताते हैं कि छत्तीसगढ़ प्रागैतिहासिक मानव की क्रीड़ा स्थली रहा है.
इस खण्ड में मानव विकास के काल से बीसवीं सदी तक के ज्ञात घटनाओं का विवरण उपलब्ध साहित्य के आधार पर कालक्रमानुसार रेखांकित करने का प्रयास किया गया है.